आयुर्वेदानुसार कैसे बढ़ाये प्रतिरोधक क्षमता ? –
बदलती जीवनशैली के साथ शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम होती जा रही है जिससे बाहरी विषाणु व जीवाणु शरीर पर आक्रमण कर देते है और रोग उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है | इन् सभी से बचने के लिए सही जीवनशैली और प्राकृतिक आयुर्वेद औषधियों का उपयोग कारगर साबित हो सकता है |
१. रोजाना किया हुआ हल्का व्यायाम शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है |
२. पाचन तंत्र खराब होने से आमविष बनने लगता है जो बहुत सारे रोगो को उत्पन्न करता है इससे बचने के लिए आयुर्वेदिक त्रिफला चूर्ण का गुनगुने पानी के साथ रोजाना उपयोग लाभदायक है |
३. आयुर्वेद में स्नेहन व स्वेदन पंचकर्म का एक महत्वपूर्ण भाग है इसलिए रोजमर्रा की लाइफ में भी सूरजमुखी तेल, तिल तेल, सरसो तेल की मालिश करके या सुगन्धित तुलसी, चमेली, गुलाब के तेल पानी में डालकर हलके गुनगुने पानी से स्नान करे |
४. खाने में ज्यादा गर्म मसालों की बजाए प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाले जीरा, हल्दी, अदरक,धनिया, कालीमिर्च इनका सही मात्रा में उपयोग करे |
५. ठंडा भोजन ना ले, डिब्बा बंद भोजन का प्रयोग ना करे , ताजा बनाया हुआ भोजन ही करे |
६. प्रतिदिन सुबह प्राणायाम, योग, पंचकर्म आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अनुसार करे |
७. आयुर्वेद औषधियों जैसे गिलोय ( Tinospora cordifolia ) , नीम ( Azadirecta Indica ), हरिद्रा ( Curcuma longa ), तुलसी (Ocimum Sanctum) , अश्वगंध ( Withania somnifera ),आँवला ( Phyllanthus Emblica ), त्रिफला का प्रयोग प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए उपयोग करे |